पटना ।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। विपक्ष जहां सरकार पर हमलावर है, वहीं बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक चंद्रशेखर ने एक बार फिर विवादित बयान देकर नई बहस को जन्म दे दिया है।
पत्रकारों से बातचीत में चंद्रशेखर ने दावा किया कि आतंकियों द्वारा धर्म पूछकर हमला करने की बात "नफरती शिगूफा" है, जिसे भाजपा जैसे "पाखंडी तत्व" प्रचारित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "इस देश में किसी की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह धर्म पूछकर मारे। अगर ऐसा होता, तो पहलगाम हमले में मुसलमान भी गोली का शिकार न होते। यह सब नफरत फैलाने का षड्यंत्र है।"
आतंकवादियों की मंशा और क्षमताओं पर सवाल उठाते हुए उन्होंने तंज कसा, "आतंकी क्या इतना फुर्सत में होते हैं कि जाति या धर्म पूछकर गोली चलाएं?" साथ ही भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि "ये नफरत फैलाने वाले लोग असली मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं।"
यह पहली बार नहीं है जब चंद्रशेखर विवादों में घिरे हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने रामचरितमानस को 'नफरत फैलाने वाला ग्रंथ' बताते हुए इसकी तुलना पोटैशियम सायनाइड से की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि यह ग्रंथ समाज में भेदभाव और असमानता को बढ़ावा देता है। इतना ही नहीं, जन्माष्टमी के अवसर पर एक कार्यक्रम में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद को 'मर्यादा पुरुषोत्तम' कहकर भी विवाद खड़ा कर दिया था।
चंद्रशेखर के इन बयानों को लेकर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। भाजपा नेताओं ने उन्हें "हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला" करार देते हुए माफी की मांग की है, जबकि RJD समर्थक इसे "विचारों की अभिव्यक्ति" बता रहे हैं।