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सीहोरः राहुल गांधी को बच्चों की गुल्लक देने वाले कारोबारी ने पत्नी सहित की खुदकुशी, घर में लटके मिले शव

Bharat Samvad:

 सीहोर, 13 दिसंबर। मध्य प्रदेश में सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेमा परमार के शव शुक्रवार सुबह घर में फांसी के फंदे पर लटके मिले हैं। एसडीओपी आकाश अमलकर ने इसकी पुष्टि की है। कारोबारी मनोज परमार ने न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बच्चों की गुल्लक भेंट की थी। इसके बाद वे चर्चा में आ गए थे। गत पांच दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके घर और दफ्तर पर छापा मारा था। इसके बाद से वे परेशान थे। जानकारी मिलते ही आष्टा थाना प्रभारी रविंद्र यादव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। घटनास्थल पर एक सुसाइड नोट भी मिला है। इधर, घटना को लेकर कांग्रेस ने परमार को परेशान करने का आरोप लगाया है।

परिजन ने बताया कि मनोज गुरुवार को पत्नी और बच्चों के साथ सुसनेर के पास बगलामुखी मंदिर में दर्शन करने के लिए गए थे। वे रात करीब 8 बजे घर लौटे और शांति नगर स्थित एक मकान में तीनों बच्चों को सुला दिया। इसी मकान के पास बने दूसरे मकान में पत्नी नेहा के साथ सोने चले गए। शुक्रवार सुबह काफी देर तक दोनों नहीं आए तो बड़ा बेटा जतिन वहां देखने पहुंचा। कमरे का दरवाजा अटकाभर था। अंदर जाकर देखा तो माता-पिता फंदे पर लटके थे। उसने अन्य परिजन को जानकारी दी। पुलिस को भी फोन लगाया। सुबह करीब 8:30 बजे मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों को फंदे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।

एसडीओपी आकाश अमलकर ने बताया कि घटनास्थल से पांच पेज का सुसाइड नोट मिला है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस, संसद में नेता प्रतिपक्ष सहित 17 लोगों के नाम छोड़े गए इस सुसाइड नोट में 6 बिंदुओं में उसने पूरा घनाक्रम लिखा है, जिसकी वजह से उसे खुदकुशी करने पर मजबूर होना पड़ा। सुसाइड नोट में जांच एजेंसी के अधिकारी द्वारा दबाव बनाकर भाजपा में शामिल होने की बात लिखी गई है।

"सुसाइड नोट में लिखा है कि 5 दिसंबर को ईडी ने सुबह 5 बजे रेड मारी। मेरे घर पर कागज का एक टुकड़ा नहीं छोड़ा। दूसरे के 10 लाख रुपये, ज्वैलरी और ओरिजनल दस्तावेज लेकर गए। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने गाली-गलौज की। मारपीट की। भगवान शिव की मूर्ति को खंडित किया और कहा कि भाजपा में होते तो तुम पर केस नहीं होता। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर ने मेरे कंधे पर पैर रखा और कहा कि अपने बच्चों को भाजपा जॉइन करवा दे। राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनवा दे। बिना बयान लिए खुद से बयान लिख लिए। मेरे हस्ताक्षर भी करवा लिए। घर से मोबाइल फोन और पेपर ले गए। अफसर बार-बार बोलते रहे कि इतनी धाराएं जोडूंगा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद भी नहीं हटा पाएगा। इसलिए मामला सेटल करो और फ्री हो जाओ। मैंने परिवार के बारे में कहा कि सब लोग बेकसूर हैं लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी। राहुल गांधी जी से निवेदन है कि मेरे जाने के बाद बच्चों का ख्याल रखना। बच्चों को अकेला मत छोड़ना।"

मृतक मनोज परमार के तीन बच्चे हैं- बेटी जिया (18), बेटे जतिन (16) और यश (13)। बड़े बेटे जतिन परमार ने बताया कि ईडी वालों ने मानसिक तौर पर प्रेशर बनाया था। इस कारण माता-पिता ने सुसाइड किया है। वहीं, मनोज के भाई राजेश परमार ने बताया कि मनोज पर ईडी का मानसिक दबाव था। इससे पहले भी कार्रवाई हुई, इससे वह परेशान हो चुका था। इधर, जानकारी मिलने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी आष्टा पहुंचे और मृतक पति-पत्नी के पुत्र जतिन परमार और भाई राजेश परमार से की चर्चा।

ईडी की टीम ने कई दस्तावेज जब्त किए थे

फर्जी दस्तावेज लगाकर सरकारी योजना में ऋण लेकर घोटाला करने के मामले में Rडी (प्रर्वतन निदेशालय) ने कारोबारी मनोज परमार के शांति नगर स्थित घर पांच दिसंबर को छापामार कार्रवाई की थी। ईडी की टीम ने परमार के यहां से दस्तावेज सहित अन्य सामान जब्त किए थे और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर भी कार्रवाई की थी। जानकारी के अनुसार साल 2017 में प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम व मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत सर्विस सेंटर, रेडिमेड कपड़े की फैक्ट्री के नाम पर बैंक से ऋण लेकर करीब 6 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ था। आरोपितों ने षडयंत्र पूर्वक 6 महीने के अंदर 18 लोन लिए। इसमें फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया गया था। इसमें परमार का नाम भी शामिल था। बताया जाता है कि ईडी की टीम ने परमार के आष्टा स्थित मकान के अलावा उसके इंदौर में चार जगह के ठिकानों पर कार्रवाई कर दस्तावेज सहित अन्य सामान जब्त किए थे। उसके करीबी के यहां से भी दस्तावेज जब्त करने की बात सामने आई थी। अभी तक यह खुलासा नहीं किया गया है कि कौन-कौन सी चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए हैं और उनकी कीमत क्या है? ईडी के भोपाल जोनल कार्यालय के अनुसार, कार्रवाई द प्रोविजंस ऑफ प्रीवेंशन आफ मनी लान्ड्रिंग एक्ट 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई थी। मामला पंजाब नेशनल बैंक में 6 करोड़ के फ्राड से जुड़ा है। इसमें परमार की गिरफ्तारी भी की गई थी।

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